सुनीता के आने के बाद से दीपा अपने पिता की मानसिक स्थिति में आए बदलाव को देखकर खुश भी थी और हैरान भी। लेकिन एक दिन जब वह अचानक घर आती है और उसे अपनी आंखों से अपने पिता की खुशी का राज पता चलता है, तो वह मायूस हो जाती है। क्या होता है जब दीपा को सुनीता के साथ उसके पिता के विवाहेतर संबंध के बारे में पता चलता है? क्या ये घटना दोनों दोस्तों को अलग करती है या दोनों को करीब लाना तकदीर का खेल है? जानने के लिए अंकल शोम का दूसरा भाग देखें!
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